गजानन्द महाराज आज मेरी नैया पार लगा देना [2]
नैया पार लगा देना मेरी नैया पार लगा देना
गजानन्द महाराज----[1]
रणत भंवर घढ़ धाम निराला भक्तो को दिखला देना [2]
भक्तो को दिखला देना,मेरी नैया पार लगा देना
गजानन्द महाराज----[2]
माँ गोरा के प्यारे लाडले शंकर सुत कहलाते हो [2]
शंकर सुत कहलाते हो देवा शंकर सुत कहलाते हो
गजानन्द महाराज----[3]
एक दन्त गजवदन विनायक विद्या के भंडार हो तुम [2]
विद्या के भंडार हो देवा मुक्ति के दातार हो तुम
गजानन्द महाराज----[4]
लखन लाल चरनारो चाकर चरणों मै अपना लेना [2]
श्री चरणों मै जगा देना मेरी नैया पार लगा देना
गजानन्द महाराज----[5]