दोहा
मुरली बजा के श्याम ने मन को लुभा लिया
मटकी गिरा के श्याम ने माखन चुरा लिया
अपने मोहन की सुनलो शिकायत
वो बताने के काबिल नहीं है
अपने मोहन----1
मैया पहली शिकायत हमारी बागो मै मिले मुरारी
उसने मारी जो नेन कटारी मेरी छुट गई फूलो की ओड़ारी
अपने मोहन----2
मैया दूसरी शिकायत हमारी घट पे मिले मुरारी
उसने खिंची चुनरिया हमारी मुंह दिखाने के काबिल
अपने मोहन----3
मैया तीसरी शिकायत हमारी गलियों मै मिले थे मुरारी
उसने पकड़ी कलाई हमारी वो बताने के काबिल नहीं है
अपने मोहन----4
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हैल्लो