लगन तुमसे लगा बैठे,जो होगा देखा जायेगा [2]
जो होगा देखा जायेगा,जो होगा देखा जायेगा
तुम्हे अपना बना बैठे,जो होगा देखा जायेगा
लगन----[1]
कभी दुनिया से डरते थे,की छुप-छुप याद करते थे [2]
लो अब पर्दा उठा बैठे,जो होगा देखा जायेगा
लगन----[2]
कभी ये ख्याल था दुनिया,हमे बदनाम कर देगी [2]
शर्म अब बैच खा बैठे,जो होगा देखा जायेगा
लगन----[3]
सजा दो घर को गुलशन सा,मेरे सरकार आये है [2]
हुई रोशन मेरी गलिया,मेरे सरकार आये है
लगन----[4]
दीवाने बन गए तेरे,तो फिर दुनिया से क्या लेना [2]
तेरी चरणों मै आ बैठे,जो होगा देखा जायेगा
लगन----[5]
तेरी गलियों का हु आशिक,तू एक नगीना है
तेरी गलियों में आ बैठे,जो होगा देखा जायेगा
लगन----[6]
Krishna Bhajan
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