परसों का वादा करके गए हो कन्हिया [2]
अभी लोटने का इरादा नहीं है
परसों का वादा----[1]
सुनी है देखो तुम बिन मधुबन कन्हिया [2]
यह गोपियों का गुजारा नहीं है
परसों का वादा----[2]
गए जबसे मथुरा को पीठाई है पाठी
खता क्या हम से हुई किनी जुदाई
रोते है सारे ब्रज के गोपी और ग्वाले
अब आजा नन्दके दुलारे
परसों का वादा----[3]
राधा तेरे नाम की बनी है दीवानी
प्रेम मेने तुमसे किया किनी है नादानी
रोती है सखिया सारी नंदबाबा रोये
अब तो आजा कृष्ण कन्हिया
परसों का वादा करके गए हो कन्हिया [2]
अभी लोटने का इरादा नहीं है
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हैल्लो