म्हारा हरिया वन का सोवटिया थाने राम मिले तो कईजे रे
राम मिले तो कईजे रे भगवान मिले तो कईजे रे
म्हारा----[1]
सोना रुपालो थारे पिंजरों बनायो जा में बैठो रईजे रे
म्हारा हरिया वन का सोवटिया थाने राम मिले तो कईजे रे
म्हारा----[2]
हथेली में थाने चुगो चुगाओनीर गंगा जल पियाऊ रे
म्हारा हरिया वन का सोवटिया थाने राम मिले तो कईजे रे
म्हारा----[3]
इन पिंजरे में दस दरवाजे आवत जावत रईजे रे
म्हारा हरिया वन का सोवटिया थाने राम मिले तो कईजे रे
म्हारा----[4]
नहीं रे चंदा नहीं रे सुरिया अटल भवन में रईगयो रे
म्हारा हरिया वन का सोवटिया थाने राम मिले तो कईजे रे
म्हारा----[5]
एक बार छोड़ कर जावे रे सोवटियो नहीं मिलणी आशारे
म्हारा हरिया वन का सोवटिया थाने राम मिले तो कईजे रे
म्हारा----[6]
के मीरा बाई सुनरे सोवटिया हरी गुण गातो रईजे रे
म्हारा हरिया वन का सोवटिया थाने राम मिले तो कईजे रे
म्हारा----[7]
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