घुंघरू छम छमा छम बाजे रे,महा काली के साथ में भेरू जी नांचे रे
घुंघरू छम छमा छम बाजे----[1]
काली माँ की चुनरी रे, कालो है पोषक
मैया लप लप जिप निकाले रे माँ काली के साथ में भेरू जी नांचे रे
भेरू जी नांचे रे भेरू जी नांचे रे
घुंघरू छम छमा छम बाजे----[2]
पांवाघढ़ का दुनघड उपर मेला री भरमार
नर नारी थारा दर्शन करवा आवे बारंबार मैया सबका काज संवारे रे
महाकाली के साथ भेरू जी नांचे रे
भेरू जी नांचे रे भेरू जी नांचे रे
घुंघरू छम छमा छम बाजे----[3]
बन्झिया तो बेटो मांगे निर्धनया धनधान,न्याय करो काली मैया
दो भक्ति वरदान पुजारी जय जयकार लगावे रे
महाकाली के साथ भेरू जी नांचे रे
भेरू जी नांचे रे,भेरू जी नांचे रे
घुंघरू छम छमा छम बाजे----[4]
भक्त जनों चरणों में चाकर,लाज रखो मेरी माँ
सबको बेडो पर लगादो रे महाकाली के साथ भेरू जी नांचे रे
भेरू जी नांचे रे, भेरू जी नांचे रे
घुंघरू छम छमा छम बाजे
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हैल्लो