मेरी जिन्दगी संवर जाये अगर तुम मिलने आ जाओ [2]
तम्मना फिर मंचल जाये अगर तुम मिलने आ जाओ
मेरी जिन्दगी----[1]
झलकते आँख से आंसू कही बेकार न हो जाये
चरण छु कर बने मोती अगर तुम मिलने आ जाओ [2]
मेरी जिन्दगी----[2]
करम से बन गया पत्थर नहीं है रूप कोई मेरा
तरीके से संभल जाऊ अगर तुम मिलने आ जाओ [2]
मेरी जिन्दगी----[3]
भटकता हु मै दर तेरे, तेरे दीदार के खातिर
तम्मना फिर मंचल जाये अगर तुम मिलने आ जाओ [2]
मेरी जिन्दगी----[4]
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हैल्लो