krishna bhajan,Meri jindgi sanwar jaye

मेरी जिन्दगी संवर जाये अगर तुम मिलने आ जाओ  [2]

तम्मना फिर मंचल जाये अगर तुम मिलने आ जाओ 

मेरी जिन्दगी----[1] 

झलकते आँख से आंसू कही बेकार न हो जाये 

चरण छु कर बने मोती अगर तुम मिलने आ जाओ  [2]

मेरी जिन्दगी----[2]

करम से बन गया पत्थर नहीं है रूप कोई मेरा 

तरीके से संभल जाऊ अगर तुम मिलने आ जाओ  [2]

मेरी जिन्दगी----[3]

भटकता हु मै दर तेरे, तेरे दीदार के खातिर 

तम्मना फिर मंचल जाये अगर तुम मिलने आ जाओ [2]

मेरी जिन्दगी----[4]

krishna bhajan

   Krishna Bhjan

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