जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
एक दन्त दयावंत चार भुजा धारी
माथे सिंदूर सोहे मुसे की सवारी
जय गणेश----[1]
पान चढे फुल चढे और चढ़े मेवा
लडुवन का भोग लगे संत करे सेवा
जय गणेश----[2]
अंधन को आँख देत कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया
जय गणेश----[3]
सुर श्याम शरन आये सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
जय गणेश----[4]
दिनन की लाज रखो शंभू सूतवारी
कामना को पूर्ण करो जाऊ बलिहारी
जय गणेश----[5]
Ganesh ji aartiConciusion- shri Ganesh ji aarti
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