अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर धारी
तेरे ही गुण गाये भारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
तेरे भक्त जनों पर माता भीर पड़ी है भारी माँ
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी
सो सो सिंहो से बलशाली अष्ट भुजाओ वाली
दुष्टो को पल में संहारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
अम्बे 1
माँ बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता
पूत कपूत सुने है पर न माता सुनी कुमाता
सब पे करुणा दरसाने वाली अमृत बरसाने वाली
दुखियो के दुखडे निवारतीओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
अम्बे 2
नहीं मांगते धन और दौलत न चांदी न सोना माँ
हम तो मांगे माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना
सबकी बिगड़ी बनाने वाली लाज बचाने वाली
सतियो के सत को संवारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
अम्बे 3
चरन शरन मै खड़े तुम्हारी ले पूजा की थाली
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली
माँ भर दो भक्ति रस प्याली अष्ट भुजाओ वाली
भक्तो के कारज तू ही सारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
अम्बे 4
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हैल्लो