ये तो प्रेम की बात है उधो,बंदगी तेरे बस की नहीं है [2]
प्रेम वालो ने कब वक्त पूछा,उनकी पूजा में सुन ले रे उधो [2]
यहाँ दम दम पे होती है पूजा,सर झुकाने की फुर्सत नहीं है
ये तो प्रेम----[1]
जो असल में है मस्ती में डूबे,उन्हें क्या परवाह जिन्दगी की [2]
जो उतरती है चढ़ती है मस्ती, वो असल में मस्ती नहीं है
ये तो प्रेम----[2]
जिनकी नजरो में होते है प्यारे ,वो तो रहते है जग से निराले [2]
जिनकी नजरो में मोहन समाये,वो नजर फिर तरसती नहीं है
ये तो प्रेम----[3]
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हैल्लो