धोआ
प्रथम मनाये गणेश के, धयाऊ शारदा मात
मात पिता गुरु प्रभु चरण मै नित्य नमायु माथ
गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है
आओ आओ वेगा आओ चाव दरश को भारी है
गजानंद----1
थे आओ जद काम बनेला थापर महारी बाजी है
ओ रणत भंवर गढ़ वाला सुनलो चिंता म्हाने लागी है
देर करो मत न तरसाओ चरणा अरज हमारी है
गजानंद----2
रिद्धि सिद्धि संग आओ विनायक देव दरश थारा भगता ने
भोग लगावा धोक लगावा पुष्प चढ़ावा चरणा मै
ओ गजानंद थारा हाथा मै अब तो लाज हमारी है
गजानंद----3
भगता की तो विनती सुनलो शिव सूत प्यारो आयो है
जय जयकार करो गणपती की म्हारो मन हरसायो है
बरसेगा अब रस कीर्तन मै भगतो महिमा भारी है
गजानंद----4
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हैल्लो