जब से देखा तुम्हे मुरली वाले
दिल हमारा ठिकाने नहीं है [2]
जब से ----[1]
आँख वालो ने तुमको जो देखा
कान वालो ने तुमको सुना है
तुमको देखा उसी ने रे मोहन
जिसकी आँखों मै पर्दा नहीं है [2]
जब से ----[2]
लोग पिते है पी पी के गिरते
हमतो पिते है गिरते नहीं है
हमतो पिते है सत्संग का प्याला
कोई अंगूरी या मदिरा नहीं है [2]
जब से ----[3]
हर किसी को ये चढ़ती नहीं है
जिसकी चढ़ती उतरती नहीं है
हमतो पिते है दुनिया से जीते
अब ज़माने की परवा नहीं है [2]
जब से ----[4]
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हैल्लो