Krishna Bhajan,जब से देखा तुम्हे

जब से देखा तुम्हे मुरली वाले 

दिल हमारा ठिकाने नहीं है  [2]

जब से ----[1]

आँख वालो ने तुमको जो देखा 

कान वालो ने तुमको सुना है 

तुमको देखा उसी ने रे मोहन 

जिसकी आँखों मै पर्दा नहीं है  [2]

जब से ----[2]

लोग पिते है पी पी के गिरते 

हमतो पिते है गिरते नहीं  है 

हमतो पिते है सत्संग का प्याला 

कोई अंगूरी या मदिरा नहीं है  [2]

जब से ----[3]

हर किसी को ये चढ़ती नहीं है 

जिसकी चढ़ती उतरती नहीं है 

हमतो पिते है दुनिया से जीते 

अब ज़माने की परवा नहीं है [2]

जब से ----[4]

Krishna Bhajan

    Krishna Bhajan

             Conciusion- Krishna bhajan

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