दोहा
मीरा गढ़ से उतरी राणा पकडियो हाथ
छोड दे राणा हाथ मारो सांवरियो भरतार
मैया दे दो म्हारो मदन गोपाल जद जाऊ सासरियों [2]
पांच बरस की उमर हमारी जब से प्रेम कियो गिरधारी
म्हारे और न कोई सुवाई कोणी जाऊ सासरियो [2]
मैया----[1]
सांवली सूरत मोहनी मूरत मै तो वर पायो गोपाल
जद जाऊ सासरियो [2]
मैया----[2]
मात-पिता और कुटुम कबीलों ये दो दिन का रेन झमेला
म्हारी नैया लगादो पार जद जाऊ सासरियो [2]
मैया----[3]
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हैल्लो