राधा कहने लगी अपने घनश्याम से

राधा कहने लगी अपने घनश्याम  से

तेरी मुरली बजाना गजब हो गया---2

राधा------[1]

बोली माता यशोदा सुनो सांवरे,

तूने खाई है माटी दिखा मुँह मुझे

तेरी माटी का खाना तो फिर ठीक था

खोल के मुख दिखाना गजब हो गया

राधा------[2]

लेके गावंलो की टोली चले साँवरे 

जाके गोपी के घर में घुसे साँवरे 

चोरी पकड़ी गई मार पडने लगी

तेरा माखन चुराना गजब हो गया

राधा------[3]

कल आऊँगी पनिया भरन को

बस वही पे मुलाकात हो जाएगी

चोरी पकड़ी गई डाँट पड़ने लगी

तेरा पनघट पे आना गजब हो गया

राधा------[4]



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