मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है
चोट खाई है दिल पे जो मैने
वो दिखाने के काबिल नहीं है[2]
मेरे मोहन------[1]
जब से देखा जलवा तुम्हारा
कोई आँखो में जँचता नहीं है
यू तो देखे बहुत नूर वाले
सारे आलम में तुमसा नहीं है[2]
मेरे मोहन------[2]
तेरी सूरत पर कुर्बान जाऊं
तेरी अंखियों में अमृत के प्याले
जिसे नज़रो से तुमने पिलाया है
होश आने के काबिल नहीं है[2]
मेरे मोहन------[3]
मैने पुछा फ़िर कब मिलोगे
पहले मुस्कुराए फिर बोले
सबके दिल में समाया हुआ
ढूँढने की जरुरत नहीं है[2]
मेरे मोहन------[4]
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हैल्लो